5 SIMPLE TECHNIQUES FOR SHIV CHALISA LYRICS AARTI

5 Simple Techniques For shiv chalisa lyrics aarti

5 Simple Techniques For shiv chalisa lyrics aarti

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अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।

अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

चित्रकूट के घाट-घाट पर, शबरी देखे बाट - भजन

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

शरच्चन्द्रगात्रं गुणानन्द पात्रं त्रिनेत्रं पवित्रं धनेशस्य मित्रम् ।

लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

कीन्ह दया तहँ करी सहाई । नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे । ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

O Wonderful Lord, consort of Parvati You happen to be most merciful shiva chalisa lyrics . You always bless the lousy and pious devotees. Your gorgeous kind is adorned with the moon with your forehead and with your ears are earrings of snakes’ hood.

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